UP Outsource Karmchari Good News: उत्तर प्रदेश के कुल 11 लाख से भी अधिक संविदा कर्मियों के लिए यह युवा पीढ़ी तक की बता दे की बेसब्री से इंतजार आउटसोर्सिंग के सेवा के निगम के बेसब्री से इंतजार बना हुआ था बता दे आप सभी को की अब उसका पूरा ढांचा बदल चुकी है। और आउटसोर्स सेवा निगम अब पहले से कार्ड जो कर चुके हैं उनके लिए बता दे की संविदा कर्मियों को ना नियुक्ति पत्र देगा ना ही बता दे आप सभी को की 60 वर्ष में रिटायरमेंट की गारंटी रहेगी। बता दे आप सभी को कल बात की आप सिर्फ 3 वर्ष की नियुक्ति पत्र देने वाले आउटसोर्स एजेंटीयों ने यह चैन हेतु बता दे आप सभी को उसके द्वारा समय से वेतन नियुक्ति में आरक्षण अप ऐसी जैसे मामलों में सख्त निगरानी और पूरा लेखा जोखा निगम भी इसी में रखी जाएगी।
आपको जानकारी के अनुसार बताते चले कि आउटसोर्स सेवा निगम बनाने में श्रम कानून का आरक्षण दूर हो चुकी है साथी आपको बताते चले कि मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दी है कि आउटसोर्सिंग सेवा निगम रेगुलेटरी बॉडी की भूमिका में रखी जाने वाली एजेंसियों के कार्य प्रणाली की निगरानी करेगी और साथ में नीम वाली को उल्लंघन करने पर ब्लैक लिस्टिंग या फिर पेनल्टी लाती की जैसी वैधानिक कार्रवाई भी आदि सुनिश्चित करी जाएगी।
आउटसोर्स निगम की बैठक में उठे महत्वपूर्ण सवाल जाने
जानकारी के अनुसार आपको बताते चले कि मुख्यमंत्री की आउटसोर्स सेवा निगम हेतु 25 अप्रैल को यह जो मुख्य सचिव समेत बता दे की आउटसोर्स सेवा निगम का सीमा नियम अर्थात बता दे की मेमोरी डैम का ऑफ एसोसिएशन वह आर्टिकल्स का संगठन बनाए जाने की बता दे आपको की जिम्मेदारी दिया गया है। सचिवालय यहां पर बता दे प्रशासन विभाग वित्त विभाग न्याय विभाग की कार्मिक विभाग को श्रम विभाग के बता दे आप सभी को की एक से आप वह प्रमुख सचिव के साथ बैठक में शर्म कानूनी हेतु कई सवाल उठ रहे थे जिनमें आप सभी को बताते चले कि इसके बाद इन सभी समस्याओं का समाधान करते हुए आउटसोर्सिंग सेवा निगम का पूरा बता दे आपको की खाता वर्तमान में बदल चुकी है।
आउटसोर्स सेवा निगम का बदल गया पूरा खका जाने
जानकारी के अनुसार आप सभी को बताते चले कि सरकार विभागों व संस्थान कार्य में बता दे 11 लाख से अधिक संविदा कर्मी कई 11 महीने तो कहीं 3 महीने के लिए एग्रीमेंट के आधार पर बता दे आप सभी को की वर्तमान में कार्य करते हैं। ऐसे में मानदंड पर 60 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट की जो नियम है और अंतर्गत आउटसोर्स सेवा निगम के माध्यम से प्लेसमेंट की इनफार्मेशन लेटर जनरेट करके बता दे आप सभी को जानकारी के लिए कि संबंधित विभाग की चयन समितियां के अध्यक्ष के डिजिटल और उसी के साथ हस्ताक्षर से संबंधित कार्मिक देने की व्यवस्था से और शर्म न्याय की विभाग सहमत नहीं हुआ था इसी के साथ बता दे आप सभी को कि उनका यह भी कहना है कि आउटसोर्स का एजेंसी को बाहर करते ही नए नियम पर नियुक्ति सभी संविदा कर्मचारियों का सरकारी विभाग में नई स्थाई कर्मी को दावेदारी फिर करने लगेंगे साथी आपको जानकारी के लिए यह भी बता दे की समान पद पर समान वेतन का दावा भी श्रम न्यायालय के लेकर हाई कोर्ट की सुप्रीम तक कर सकते हैं हालांकि जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के आउटसोर्स सेवा निगम की पूरा खाका का अब बदल दी गई है।
समान कार्य हेतु समान वेतन और परमानेंट के दर से एजेंसी हुई सम्मिलित
जैसे कि आप सभी को बता दे की शुरुआत में आउटसोर्स सेवा निगम को लेकर मंजूरी प्रदान किया गया था उसी के साथ में बता दे की आउटसोर्स सेवा निगम के संविदा कर्मियों को यह भी वेतन सहित सभी प्रकार की जो सुविधा है। वह दी जाने की भी बात कही गई थी लेकिन आपको बता दे कि उपरोक्त विभाग के माध्यम से यह भी कहा गया था कि अगर किसी भी प्रकार के उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारी वेतन सहित उन सभी सुविधाओं को दिया जाती है लेकिन आपको बता दे यह भी की सभी कर्मचारी सम्मान कार्य हेतु सम्मान वेतन मांग करने की साथ-साथ यह भी नियमित होने की मांग करना शुरू कर देंगे। कि बता दे आपको किया संविदा कर्मचारी सम्मान कार्य सम्मान वेतन वन नियमित किए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट को लेकर बता दे आपको की सुकृति सुप्रीम कोर्ट तक के जा सकते हैं। इसलिए बता दे आपको की उत्तर प्रदेश की आउटसोर्स सेवा निगम का पूरा खाका अब बदल दी गई है और हालांकि एजेंसी को इनमें से फिर से सम्मिलित कर दी गई है जिसे सरकार का सम्मान कार्य और सामान्य वेतन व नियमित कारण की मांग के दायरे में बिल्कुल ना आ पाए।






